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टैरिफ, सख्त नियम या वैश्विक दबाव, क्यों संकट में दिख रहा स्विट्जरलैंड?

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Posted On:Wednesday, December 24, 2025

दुनिया के नक्शे पर स्विट्जरलैंड को हमेशा से शांति, अटूट स्थिरता और अमीरी के प्रतीक के रूप में देखा गया है। अपनी बैंकिंग गोपनीयता (Banking Secrecy), मजबूत स्विस फ्रैंक और तटस्थता की नीति के लिए मशहूर यह देश आज एक ऐसे चौराहे पर खड़ा है, जहाँ उसकी चमक फीकी पड़ती दिख रही है। खुद देश के सबसे बड़े कारोबारी दिग्गज अब खुलकर चेतावनी दे रहे हैं कि स्विट्जरलैंड अपनी साख खो रहा है।

बैंकिंग सेक्टर और बढ़ती चुनौतियां

स्विट्जरलैंड के सबसे बड़े बैंक UBS के चेयरमैन कोल्म केलेहर का हालिया बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि स्विट्जरलैंड अब वह सुरक्षित और आकर्षक गंतव्य नहीं रहा, जो कभी हुआ करता था। इसकी एक बड़ी वजह वेल्थ मैनेजमेंट सेक्टर में बढ़ता वैश्विक कॉम्पिटिशन है।

2023 में जब सरकार ने हस्तक्षेप कर डूबते हुए 'क्रेडिट सुइस' का विलय UBS में कराया, तब लगा था कि संकट टल गया। लेकिन अब UBS और सरकार के बीच पूंजी नियमों (Capital Rules) को लेकर टकराव चल रहा है। बैंक का मानना है कि अत्यधिक सख्त नियम स्विस बैंकिंग की रीढ़ को कमजोर कर रहे हैं।

कॉरपोरेट जगत में बेचैनी

केवल बैंकिंग ही नहीं, बल्कि फार्मा और कंज्यूमर गुड्स जैसे सेक्टर भी दबाव में हैं। स्विट्जरलैंड की दिग्गज दवा कंपनी रोश (Roche) के चेयरमैन सेवरिन श्वान ने चेतावनी दी है कि वैश्विक निवेश के बदलते स्वरूप और धीमी राजनीतिक इच्छाशक्ति देश को पीछे धकेल रही है। इसके साथ ही नेस्ले (Nestle) जैसे बड़े समूहों में शीर्ष नेतृत्व का इस्तीफा और निजी बैंकों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्विट्जरलैंड की 'क्लीन इमेज' को नुकसान पहुँचाया है।


संकट के प्रमुख कारण: टैरिफ और जियोपॉलिटिक्स

स्विट्जरलैंड की वर्तमान स्थिति के पीछे कई बाहरी और आंतरिक कारक जिम्मेदार हैं:

  1. अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने स्विस दवाओं और अन्य निर्यातों पर भारी टैरिफ लगा दिए। स्विट्जरलैंड के लिए यह एक बड़ा झटका था, क्योंकि उसे विकसित देशों में सबसे ऊंचे टैरिफ का सामना करना पड़ा।

  2. यूरोपीय संघ (EU) के साथ तनाव: स्विट्जरलैंड की 'तटस्थता' की नीति अब उसे यूरोपीय संघ के साथ गहरे संबंधों को लेकर असमंजस में डाल रही है। जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट डेविड बाख का कहना है कि स्विट्जरलैंड अब खुद को यूरोप में अलग-थलग महसूस कर रहा है।

  3. सख्त घरेलू नियम: विदेशी निवेश को आकर्षित करने के बजाय, स्विट्जरलैंड के नए कानून कारोबारियों के लिए जटिलताएं पैदा कर रहे हैं।

क्या स्विट्जरलैंड अकेला पड़ रहा है?

पूर्व चांसलर वाल्टर थुर्नहेर के अनुसार, यह संकट पिछले संकटों की तुलना में कहीं अधिक गहरा है। दशकों तक स्विट्जरलैंड ने खुद को वैश्विक उथल-पुथल से बचाकर रखा, लेकिन डिजिटल युग और बदलती वैश्विक राजनीति ने उसकी सीमाओं को लांघ दिया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के प्रमुख क्लॉस श्वाब से जुड़े विवादों ने भी देश की छवि पर सवाल खड़े किए हैं।


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